देहरादून-: बिजली आज मनुष्य के लिये अत्यंत आवश्यक है।जिसके बिना मनुष्य एक पल भी नही रह सकता किन्तु कभी-क़भी विभागीय लापरवाही किसी की भी जान ले सकती है। आये दिन बिजली की खुली तारो के द्वारा अनेक दुर्घटना होती रहती है। जिसके कारण मानव हो या जानवर अपनी जान से हाथ धो बैठता है। ऐसी लापरवाही और किसी से नही होती इसका कारण विद्युत विभाग होता है जोकि दुर्घटना वाले स्थानों को जानबूझकर ठीक नही करता। ऐसा ही हाल ऊर्जा भवन से मात्र 1 किमी की दूरी पर स्थित कांवली रोड अंतर्गत रिहायशी कॉलोनी कॉमेट सोसाइटी में स्थित ट्रांसफार्मर का हो रखा है। जोकि जमीन से एक दो फुट ऊंचाई पर रखा गया है और उसकी तारो को खुला ही छोड़ रखा है। जिसके चलते कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है।
कॉमेट सोसाइटी में स्थित उक्त ट्रांसफार्मर पर क्षेत्र को सप्लाई विद्युत का वोल्टेज कम-ज़्यादा करने का जिम्मा है किंतु उक्त ट्रांसफार्मर को दुरुस्त करने व उसकी यहां वहां फैली खुली तारो को व्यवस्थित करने की जहमत उठाने को बिजली विभाग के कर्मी उस ओर झांकने को तैयार नही। नतीजन उक्त ट्रांसफार्मर के आसपास के घरों में रह रहे लोग हर वक़्त डर के साये में जीने को मजबूर है।
कांवली रोड़ अंतर्गत कॉमेट सोसाइटी में स्थित भण्डारी बाग सबस्टेशन के अंतर्गत आने वाले उक्त ट्रांसफार्मर के अलग बगल के प्लॉटों में कई मकान बने हुए है और उक्त ट्रांसफार्मर की हालत ऐसी है कि उसके आसपास के मकानों को किसी भी वक़्त किसी हादसे के होने का डर बना हुआ है। उक्त ट्रांसफार्मर के आसपास बना सुरक्षा घेरा भी लचर हालत में है और उसमे खतरे का कोई बोर्ड भी लगाने की जहमत विभाग ने नही उठायी है। ट्रांसफार्मर से निकलने वाली तारे प्लाट में ही बने एक पेड़ पर जा रही है जिससे पेड़ के आसपास करंट आने का खतरा बना हुआ है। और आजकल के बरसात के मौसम में प्लाट में पानी भरने से यह खतरा दोगुना बन गया है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि ट्रांसफार्मर के जर्जर अवस्था मे होने के चलते उनके द्वारा अपने बच्चों को भी प्लाट के आसपास नही जाने दिया जाता। उन्होंने बताया कि इससे पहले इसमे एक बार आग भी लग चुकी है और उक्त वक़्त फायर ब्रिगेड के वाहन द्वारा आग बुझाई गयी थी।
सवाल यह उठता है कि ट्रांसफार्मर में पूर्व मे आग लगने के बावजूद भी बिजली विभाग द्वारा इस ट्रांसफार्मर की जर्जर अवस्था को ठीक क्यों नही किया गया व आसपास घर बनते देख भी ऊर्जा विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर को किसी और स्थान पर शिफ्ट करने पर आला अधिकारियों को कोई प्रस्ताव भेजने पर विचार क्यों नही किया गया। लगता है बिजली विभाग किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है तब जाकर उक्त ट्रासंफार्मर की खैर खबर लेगा!