हेमकुंड-: हेमकुंड साहिब में लगातार देश दुनिया से श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के दर्शन को पहुँच रहे है। हालांकि हेमकुंड साहिब में कठिन रास्तो के बीच श्रद्धालुओं के सम्मुख यात्रा करने में लगातार कठिनाई पेश आ रही है। ऐसे में यात्रियों की यात्रा सुखद,व्यवधान मुक्त व सफल हो इसके लिए एसडीआरएफ के जवानों द्वारा कठिन रास्तों पर तैनात रहकर श्रद्धालुओं को हेमकुंड के दर्शन करवाने से लेकर श्रद्धालुओं को नीचे उतारने में सहायता प्रदान की जा रही है।
गौर करें कि हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग में बहुत से कठिनाईयां है, खासतौर पर अटलाकोटी के पास स्थित ग्लेशियर का हिस्सा, जिसकी चौड़ाई काफी अधिक है एवं लंबाई लगभग 150 से 200 मीटर के बीच है, आम श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी और ग्लेशियर के कारण रास्ता और भी कठिन एवं दुर्गम हो जाता है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ग्लेशियर के आसपास के रास्तो में बर्फबारी होने के चलते यह रास्ता और कठिन हो रहा है। ऐसे में यात्रियों की सहायता के लिए एसडीआरएफ की टीम द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। अटलाकोटी ग्लेशियर के इस खतरनाक हिस्से पर एसडीआरएफ की दो सब टीमें नियुक्त की गई है। अटलाकोटि ग्लेशियर पर ड्यूटी को प्रतिदिन एक टीम घांघरिया बेस कैंप और दूसरी टीम हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा से पहुँच रही है, जो प्रतिदिन आखिरी श्रद्धालु को हेमकुंड साहिब से दर्शन करवाने के बाद नीचे सुरक्षित स्थान तक पहुँचाने को डटी हुई है व फिसलन भरे उक्त रास्ते पर श्रद्धालुओं का हाथ पकड़कर उन्हें नीचे उतार रहे है।
एसडीआरएफ द्वारा बर्फबारी के बीच रास्तों का निर्माण किया जा रहा है।
गौर करें कि 24 मई से शुरू हुई हेमकुंड साहिब यात्रा में एसडीआरएफ द्वारा अब तक कुल 55 हज़ार 333 यात्रियों को सफलतापूर्वक हेमकुंड साहिब की यात्रा करवा चुकी है।
वहीं यात्रा के दौरान करीब 500 से अधिक श्रद्धालुओं को भी एसडीआरएफ द्वारा प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध करवाई जा चुकी है।
पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि उच्च हिमालय क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद एसडीआरएफ के जवान चारधाम यात्रा मार्ग पर अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं l उनकी मेहनत और समर्पण के कारण ही इतने श्रद्धालुओं की यात्रा सफल हो पाई है। उन्होंने कहा कि हेमकुंड साहिब के विभिन्न पड़ावों पर भूस्खलन व हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ द्वारा आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और जागरूकता के लिए साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं।
सेनानायक, एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा ने बताया कि श्री हेमकुंड साहिब के मार्ग में पड़ने वाला अटलाकोटी ग्लेशियर यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिस पर एसडीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं और यात्रा को सुरक्षित बनाने हेतु लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग पर सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले एसडीआरएफ के जवानों को पुरस्कृत करने के निर्देश भी दिए हैं।
हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आईं दो महिला असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या एवं तान्या ने बताया कि वे अपनी यात्रा के दौरान अपने ग्रुप से काफी पीछे रह गए थे व चोटिल भी हो गए थे। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ के जवानों ने उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देने के साथ सुरक्षित रूप से ग्लेशियर पार करवाया। उन्होंने हेमकुंड साहिब ड्यूटी पर तैनात विशेष रूप से एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर दीपक सामंत एवं पैरामेडिक्स (मेडिकल फर्स्ट रिस्पांडर) कमल सिंह की प्रशंसा कर मदद के लिए धन्यवाद किया।