पौड़ी:पुलिस कप्तान पौड़ी लोकेश्वर सिंह द्वारा जनपद में अपराधों की रोकथाम के लिए जनपद के सभी थाना व चौकी प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में आमजन को नशे से होने वाले दुष्प्रभाओं, साइबर क्राइम व फ्रॉड से बचने व ट्रैफिक नियमों का पालन किये जाने हेतु जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
जिस क्रम में चौकी प्रभारी श्रीकोट उ0नि0 मुकेश गैरोला द्वारा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) चड़ीगाँव श्रीनगर में अध्यापकों, चिकित्सकों व अन्य लोकसेवकों की चल रही कार्यशाला में साइबर क्राइम व फ्रॉड के विषय में और इससे बचने के उपायों, युवा पीढ़ी पर नशे का दुष्प्रभाव तथा सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित यातायात नियमों के विषय में जानकारी देने के साथ साथ अपने आस-पड़ोस के अन्य लोगों को भी जागरुक करने के लिए प्रेरित किया गया।
इसके साथ ही जागरूकता सम्बन्धी पंम्पलेट्स का भी वितरण किया गया।
इस दौरान उनके द्वारा साइबर फ्रॉड वर्तमान में देश की प्रथम समस्या बनी हुयी है, प्रत्येक व्यक्ति साइबर फ्रॉड का शिकार किसी न किसी रुप में हो रहा है। साइबर फ्रॉड में व्यक्ति कई प्रकार से आता है,साइबर फ्रॉड करने वाला व्यक्ति किसी को लोन की धनराशि दुगना करना, लॉटरी लगना, पैंसे कमाने की नई तकनीकि में लाना, टेलीग्राम ग्रुप से जोड़कर विभिन्न लुभावने ऑफर देकर लोगों से फ्रॉड कर देते हैं,किसी को मानसिक रुप से ब्लैकमेल करके कि आपके बच्चे के खिलाफ किसी मामले में एफ.आई.आर. हुई है, या आपका नम्बर किसी एफ.आई.आर में प्रकाश में आ रहा है, या साइबर फ्रॉडर आपको वीडियो कॉल कर एक एडिटेड न्यूड वीडियो बनाकर डराकर वर्तमान में कई प्रकरण आ रहे हैं,मित्र या रिश्तेदार बनकर भी व्हाट्स एप, फेसबुक, इन्स्टाग्राम में फर्जी आई.डी बनाकर पैंसों की मांग यह बोलकर करते हैं कि शाम को या अगले दिन लौटा देंगे,इस प्रकार व्यक्ति सामने वाले को बिना वैरीफाई किये या जाने लालच में आकर, मानसिक रुप से ब्लैकमेल होकर, मित्र या रिश्तेदार के लिये भावनाओं में आकर उनको गूगल पे या अन्य माध्यम से रुपये डाल देते हैं और उसके पश्चात इस डार्क नेट में इतना उलझ जाते हैं, कि कई बार लाखों रुपये साइबर फ्रॉडर को उसके द्वारा उपलब्ध कराये गये खातों व क्यूआर कोड में ऑनलाईन ट्रांसफर कर देते हैं, और साईबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं,साइबर फ्रॉड से बचने का उपाय यही है कि जागरूक होकर धनराशि डालने से पूर्व घटना कि पूर्ण जानकारी करते हुए संबंधित अज्ञात नंबर को ब्लॉक कर दें औऱ पुलिस को जानकारी देने के साथ साथ टोलफ्री नंबर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज़ करा दें,साथ ही कार्यक्रम में मौजूद अध्यापकों, चिकित्सकों को अपने नाबालिग बच्चों को बालिग होने तक वाहन न देने व यातायात नियमों के सम्बन्ध में जागरुक किया गया।