देहरादून-: उत्तराखंड पुलिस द्वारा एक महीने के लिए सम्पूर्ण उत्तराखंड में भिक्षावृत्ति को जड़ से खत्म करने व हाथों में कटोरे लिए सड़कों पर भीख मांगते बच्चो को ज्ञान के प्रकाश में वापिस लाने को चलाये गए 'आपरेशन मुक्ति: भिक्षा नही,शिक्षा दे' का 31 मार्च को समापन हो गया। उक्त सम्पूर्ण अभियान में पुलिस द्वारा कुल 378 बच्चो का स्कूल में दाखिला करवाया गया।
उत्तराखंड पुलिस के उक्त आपरेशन मुक्ति: भिक्षा नही,शिक्षा दे अभियान को सम्पूर्ण जनपदो में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट व रेलवेज में भी एक टीम का गठन कर प्रदेश के उक्त इलाकों में चलाया गया जहां बच्चों द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है। अभियान के अंतर्गत पुलिस द्वारा भिक्षावृत्ति के साथ साथ कूड़ा बीनने, गुब्बारे बेचने व ढाबों,होटलों में काम करने वाले छोटे बच्चो को रेस्क्यू कर उनका विद्यालयों में दाखिला कराये जाने की कार्यवाही की।
उत्तराखंड पुलिस द्वारा आपरेशन मुक्ति अभियान में भिक्षा मांगने/ कूड़ाबीन ने/ गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लगे कुल 892 बच्चों का सत्यापन किया गया, सत्यापन किये गये 892 बच्चों में से कुल 378 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया गया, अन्य बच्चों के विद्यालयों में दाखिला कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। अभियान के दौरान पुलिस टीम का इस बार प्रयास था कि वह भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चो को रेस्क्यू करने के अलावा बच्चो को भिक्षावृत्ति में धकेलने वाले गिरोह,अगर सक्रिय हो,के विषय मे भी जानकारी जुटाने को सक्रियता कार्य किया था,किन्तु पुलिस को किसी गैंग के सक्रिय होने का कोई प्रमाण नही मिला।
अभियान के दौरान बाल श्रम करते पाये गये 06 बच्चों को रेस्क्यू कर नियोजकों के विरूद्ध 02 अभियोग तथा भिक्षावृत्ति करते पाये गये 08 व्यक्तियों के विरूद्ध 02 अभियोग पंजीकृत कराये गये।
वर्ष 2017 से अब तक 8562 बच्चों का सत्यापन किया जा चुका है तथा 3981 बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराया गया है।