देहरादून-: पढ़ाई के साथ साथ गर्लफ्रेंड का खर्चा उठाने में पैसों की तंगी के चलते एक एमबीबीएस का छात्र मुन्नाभाई बनकर रविवार को आयोजित हुई नीट की परीक्षा में परीक्षा देने पहुँच गया। अभियुक्त के बायोमेट्रिक असल परीक्षार्थी के आधार कार्ड बायोमेट्रिक से मिलान न होने पर पकड़ा गया। अभियुक्त राजकीय मेडीकल कॉलेज पाली में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र है।
रविवार को श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल राजवाला में आयोजित हुई एमबीबीएस(नीट) की परीक्षा में परीक्षा देने पहुँचे एक परीक्षार्थी की जब परीक्षा नियंत्रक द्वारा बायोमेट्रिक उपस्थिति ली गयी तो उक्त परीक्षार्थी के बायोमेट्रिक परीक्षा के लिए आने वाले परीक्षार्थी के आधार कार्ड बायोमेट्रिक से मेल नही खाये, जिसपर खुलासा हुआ कि उक्त परीक्षार्थी किसी और के स्थान पर एमबीबीएस की परीक्षा देने आया था,जिसके लिए उसके द्वारा पूरे 2 लाख रुपये लिए जा रहे थे। पकड़े गए मुन्नाभाई की पहचान देव प्रकाश पुत्र ओम प्रकाश निवासी: ग्रा0 गिरधर घोरा, पो0 चितलनाना, जिला संचोर, राजस्थान के रूप में हुई है। वादी परीक्षा नियंत्रक अरुण सक्सेना की तहरीर पर अभियुक्त युवक के खिलाफ कोतवाली नगर में धारा: 419,420,120बी आईपीसी में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस द्वारा पूछताछ में पकड़े गए युवक ने बताया कि उसके द्वारा वर्ष 2022 में नीट की परीक्षा उत्तीर्ण की गई थी व वह वर्तमान में राजकीय मेडीकल कॉलेज पाली में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र है। उसने बताया कि सितम्बर 2022 में उत्तराखण्ड में ऋषिकेश, हरिद्वार तथा केदारनाथ घूमने के दौरान उसकी मुलाकात रूद्रपुर निवासी मयंक गौतम से हुई थी, जिसके द्वारा नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने की इच्छ जाहिर की गई थी,किन्तु पढ़ाई में कमजोर होने के चलते वह उसमे असफल हो गया था।
इसके बाद से ही अभियुक्त सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार मयंक गौतम के सम्पर्क में रहा। इस दौरान मयंक गौतम द्वारा अभियुक्त को उसके स्थान पर नीट की परीक्षा पास करने के एवज में 02 लाख रुपये देने का आफर दिया गया। अभियुक्त के अनुसार उसकी महिला मित्र और पढ़ाई का खर्चा एक साथ उठाना उसके लिए मुश्किल था,इसके चलते उसके द्वारा मयंक के आफर को स्वीकार कर लिया गया और रविवार को वह एसजीआरआर में परीक्षा देने पहुँच गया।
अभियुक्त द्वारा इस फर्जीवाड़े के लिए फेसबुक के माध्यम से अपनी एक पासपोर्ट साइज फ़ोटो मयंक गौतम को भेजी गई,जिसे मयंक ने अपने परीक्षा फॉर्म में लगाया। अभियुक्त मयंक द्वारा उसे भेजे गये प्रवेश पत्र को लेकर परीक्षा केन्द्र में परीक्षा देने पहुंचा पर बायोमैट्रिक मशीन से अभियुक्त के फिंगर प्रिंट का मयंक गौतम के आधार कार्ड से मिलान न होने पर पकड़ा गया।