देहरादून:1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानून के सम्बंध में कल शनिवार को डीजीपी अभिनव कुमार द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया गया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी द्वारा "उत्तराखंड पुलिस हस्तपुस्तिका"का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नये कानूनों में जो प्राविधान किये गये हैं, इन कानूनों के लागू होने के बाद प्रदेश में इनका सही तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि इन कानूनों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था की जाए और आम जन को इन कानूनों की जानकारी हो इसके लिए विभिन्न माध्यमों से कानूनों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इनके प्रचार-प्रसार के लिए सूचना विभाग का सहयोग लिया जाए।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड ने प्रस्तुतिकरण में बताया कि नए कानून पीड़ित को अधिक अधिकार प्रदान करने के साथ ही शीघ्र न्याय, आपराधिक न्याय विंग प्रणाली के सभी विंग को अधिक जवाबदेह बनाने पर जोर देता है।
राज्य में नए कानूनों को लागू करने के लिए 6 कमेटियों का गठन किया गया है जिनमें जनशक्ति, प्रशिक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर,सीसीटीएनएस,राज्य में लागू एक्ट में नये कानून के अन्तर्गत परिवर्तन व जागरूक समिति शामिल हैं।
पुलिस महानिदेशक ने जानकारी दी कि देश में 1 जुलाई 2024 से इन्हें लागू किया जाना प्रस्तावित है।कानून के गठन हेतु 18 राज्य, 6 केंद्र शासित प्रदेशों, सुप्रीम कोर्ट, 16 उच्च न्याययियों, 5 न्यायिक अकादमियों, 22 कानून विवि, 142 संसद सदस्यों, लगभग 270 विधायकों को जनता द्वारा दिये गए सुझावों के आधार पर 4 वर्ष में गहन परीक्षण कर इन्हें तैयार किया गया है।
नए कानूनों के लागू होने पर राज्य में लागू अधिनियमों में आवश्यक संशोधन प्रस्तावित हैं।
जिनमें उत्तराखंड राज्य के कुल 434 स्थानीय अधिनियमों का अवलोकन कर 74 अधिनियमों में संशोधन के प्रस्ताव के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के 343 अधिनियमों का अवलोकन कर 116 अधिनियम मंस संशोधन के प्रस्ताव एवं केंद्र के कुल 228 अधिनियमों का अवलोकन कर संशोधन का प्रस्ताव है।