जब खाकी बनी रोते बच्चों और परिजनों का सहारा

shikhrokiawaaz.com
06/08/2025
चमोली:बद्रीनाथ धाम में हर दिन देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे है,इस लंबी यात्रा की थकान और भारी भीड़ के कारण अक्सर छोटे बच्चों और उनके परिजनों को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, भीड़भाड़ के माहौल में बच्चे अक्सर चिड़चिड़े और असहज महसूस करने लगते हैं, जिससे उनके साथ आए परिजनों की भी मुश्किलें बढ़ जाती हैं।
जिस क्रम में इन दिनों बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सहायता और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल मुस्तैदी से साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा है। इस दौरान हर रोज भू-बैकुण्ठ धाम श्री बद्रीनाथ जी से मित्र पुलिस की दिल को छू लेने वाली कुछ तस्वीरें सामने आ रही है, जो कि पुलिस के जवान के मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाती है,जब खाकी बनी रोते बच्चों और परिजनों का सहारा।
पहला मामला तप्त कुंड क्षेत्र का है, जहां स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी,इसी भीड़ के बीच एक नवजात बच्चा काफी देर से लगातार रो रहा था,बच्चे की असहजता उसके परिजनों के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई थी, तभी वहां ड्यूटी पर तैनात महिला फायर कर्मी सुषमा की नज़र उस रोते हुए बच्चे पर पड़ी, बच्चे को रोता देख महिला पुलिस कर्मी का हृदय भावुक हो गया और उन्होंने तुरंत आगे बढ़कर उस बच्चे को अपनी गोद में ले लिया।
जिसे उनके द्वारा भीड़ से अलग एक शांत जगह पर ले जाया गया,महिला पुलिस कर्मी के स्नेह भरे स्पर्श और ममतामयी गोद में आते ही,बच्चा शांत हो गया, जिससे उसके परेशान परिजनों को बड़ी राहत मिली।
इसी तरह मंदिर प्रांगण में अपने दो छोटे बच्चों के साथ दर्शन के लिए आई एक महिला श्रद्धालु भीड़ और व्यवस्था के बीच अपने रोते बच्चों को संभालने में परेशानी महसूस कर रही थीं,उनकी मुश्किल को देखते हुए वहीं ड्यूटी पर तैनात हेड कांस्टेबल देवेंद्र बुटोला तुरंत उनकी सहायता के लिए आगे आए। उन्होंने महिला श्रद्धालु के बच्चे को गोद में उठाकर उन्हें उनके गन्तव्य तक पहुँचने में मदद की।
पुलिस कर्मियों द्वारा दिखाए गए इस मानवीय और संवेदनशील व्यवहार को देखकर दोनों ही परिवारों के चेहरे पर गहरी कृतज्ञता का भाव था।
श्रद्धालुओं ने पुलिस कर्मियों का हृदय से आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अपनी ड्यूटी के साथ-साथ मानवता का परिचय दिया।
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