दाहोद-: आम जनता के सम्मान व सुरक्षा के लिए बनाई गई ख़ाकी द्वारा आज एक बार असल मायने में एक महिला के सम्मान की रक्षा कर खाकी के अविस्मरणीय फर्ज अदायगी को 'अमानवीय' बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे समाज में एक नजीर की तरह पेश कर 'कानून के रहते नाइंसाफी' बर्दास्त नही को सच कर दिखाया है।
देश के पश्चिमी छोर गुजरात के दाहोद जिले में एक आदिवासी महिला के पति के जेल जाने के बाद महिला के सुसराल वालो द्वारा महिला पर चरित्रहीन होने का आरोप लगाते हुए उसे अर्धनग्न कर उसे गांव की गलियों में परेड करवा घर से निकाल दिया। मामले की जानकारी दाहोद पुलिस को हुई तो उनके द्वारा न सिर्फ महिला के साथ ऐसा अमानवीय कार्य करने वाले सभी अभियुक्तो को जेल भेजा बल्कि महिला अपने पैरों पर खड़ी होकर समाज मे सिर उठाकर ससम्मान जी सके इसके लिए महिला के लिए एक फल की दुकान खोलकर दी।
साथ ही महिला के साथ पुनः कोई अपराध न हो इसके लिए महिला के घर व उसकी दुकान क्व आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाकर उसकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की।
ख़ाकी की यह कार्यवाही निश्चित ही फर्ज की लकीर से एक कदम आगे का कार्य है,जिसकी दरकार समाज के हर पीड़ित वर्ग को है।